तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय more info हरहु अब संकट भारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥ किया तपहिं भागीरथ भारी ।
श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
श्री more info गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥
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